रुद्राक्ष यह शब्द सुनते ही हमारे दिलो-दिमाग़ में एक ही बात आती है “ शिव “ | जहाँ रुद्राक्ष का ज़िक्र हो वहाँ महादेव का ज़िक्र ना हो ऐसा तो हो ही नही सकता है | ये रुद्राक्ष परम शिव की शक्ति का कारक है जो कि जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाता है।हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जब भगवान शिव के नेत्रों से आंसू निकला तब रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। साथ ही उनकी आंखों से जो पहली बार और पहली बूंद आंसू गिरी, वह एक मुखी रुद्राक्ष के रूप में उत्पन्न हुआ।यह हमारे इतिहास का प्राचीन स्तंभ माना जाता है |
हिंदू धर्म में मे रुद्राक्ष का ही बहुत महत्व है | एक मुखी रुद्राक्ष ग्रह शांति के लिए, सुरक्षा के लिए , कष्ट व संकट दूर करने के लिए ,और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया जाता है |
एक मुखी रुद्राक्ष पवित्र और बहुत ही पूजनीय है |इसकी बनावट अर्ध चंद्रमा के समान होती है | एक मुखी रुद्राक्ष को सच्चाई , उर्जा, प्रबलता और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है | स्वयं देवो के देव महादेव इसके स्वामी है | जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को पहनता है वो स्वयं ही महादेव से जुड़ जाता है |हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष स्वयं महादेव का अवतार है |
यह रुद्राक्ष हमे अंधकार और निराशा से दूर करता है| इसको धारण करते ही हमारी सारी परेशानिया दूर हो जाती है | हमारी किस्मत के बंद दरवाज़े खुल जाते है| इसे सभी रुद्राक्षों में सर्वश्रेठ माना गया है। इसे धारण करने से सभी प्रकार के अनिष्ट दूर हो जाते हैं। चाहे वह परिस्थितिवश हो अथवा दुश्मन जनित। एक मुखी रुद्राक्ष को पूजने से मनवांछित फल प्राप्त होता है। जिसके गले में या पूजन में एक मुखी रुद्राक्ष है उस व्यक्ति के शत्रु खुद ही परास्त हो जाते हैं। एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से अवश्य ही पुण्य उदय होता है। एक मुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति देकर मानव के समस्त पाप तथा संकट हर लेता है।| यह रुद्राक्ष आपके मन को संतुष्टि देता है
एक मुखी रुद्राक्ष बहुत ही दुर्लभ और उर्जावान रुद्राक्ष है लेकिन हमे इसकी सही पहचान होनी चाहिए |